पर्वत , झरना ,नदियाँ
वृक्ष , जंगल ,चिड़ियाँ
पवन, मिटटी, गगन
वारि, मेघ, जीवन .
अस्थि, रक्त , त्वचा
खान - पान , भाषा
रहन - सहन,आचार
जीवन-दर्शन,विचार
एक - एक - एक
एक से अनेक
सूरज - चाँद, तारे
साँझ - भोर न्यारे .
आते सबके आँगन
निर्बल,निर्धन,हरिजन
वर्षा , प्रकाश, चाँदनी
नहीं किसी के अनुचर.
कैसा यह भेद-भाव
खेल यह धूप- छाँव
मानव का मानव से
कैसा यह विलगाव ?
कौन ऊंचा-कौन नीचा
कौन गोरा-कौन काला
जाति, वर्ण, धर्म के
बनाया भेद हमने .
सातरंग इन्द्रधनुष के
पुष्प-दल रंगे-बिरंगे
सबका एक रचनाकार
भिन्न रूप,गंध,आकर .
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें