सोचा था कुछ,और कुछ हो गया
कोई बात नहीं- आगे फिर कभी !
सपने देखना बुरा तो नहीं है
साकार नहीं हुए तो - न सही
चलकर चाँद में सीढ़ी लगाते हैं
हौसले ऊंचे हैं,देर किस बात की
दिन में तारे देखने की बात कह
न जाने क्यों ? हँस पड़े सभी
वक्त की बात,वक्त नहीं सुनता
वक्त सुनेगा - भले अभी नहीं
अमावस की रात सूरज उग आया
वक्त पलटा खाया,भाग्य ही सही
कौन कहता है सितारे दूर हमसे
ख्वाहिश तो पालो,उन्हें पाने की
कोई बात नहीं- आगे फिर कभी !
सपने देखना बुरा तो नहीं है
साकार नहीं हुए तो - न सही
चलकर चाँद में सीढ़ी लगाते हैं
हौसले ऊंचे हैं,देर किस बात की
दिन में तारे देखने की बात कह
न जाने क्यों ? हँस पड़े सभी
वक्त की बात,वक्त नहीं सुनता
वक्त सुनेगा - भले अभी नहीं
अमावस की रात सूरज उग आया
वक्त पलटा खाया,भाग्य ही सही
कौन कहता है सितारे दूर हमसे
ख्वाहिश तो पालो,उन्हें पाने की
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