रूप नाथ भगवान का मन्दिर बहोरीबन्द से 5 किमी.दूर जबलपुर माग॔ पर स्थित है।पुरातत्व विभाग इसकी देख-रेख करता हे।यहाॅ पर भगभगवा शिव की प्राचीन प्रतिमा है।पहाड़ी पर स्थित शिवलिग देखकर प्रतीत होता है कि पहले यहाॅ मन्दिर नही था, बाद मे बनाया गया है।नीचे दो बड़े कुण्ड और एक छोटा कुण्ड है।पहाड़ी में ऊपर दो और छोटे -छोटे कुण्ड है।पहाड़ी से ही रिस कर पानी कुण्डों में आता है।पानी का रिसाव भीषण गर्मी में भी बन्द नही होता।इसलिए कुंड कभी सूखते नही है।शिव मंदिर के सामने मां पार्वती का मंदिर है।पहाड़ी के ठीक नीचे स्थित कुंड के बायीं ओर सम्राट अशोक के समय का शिलालेख ब्राह्मी लिपि में है जिसमें बौद्ध-धर्म प्रचार संबंधी लेख है।यह स्थान अत्यंत सुरम्य एव मनोहारी है।यहां आने पर मन को अद्भुत शांति मिलती है।यहाँ यह किवदंती भी सुनने को मिली कि भगवान शिव यहीं से उठकर बांदकपुर गये हैं।
अद्भुत लेख आदरणीय ..................................सार्थक छायाचित्रों के साथ
जवाब देंहटाएंबचपन एक बार फिर इठलाया
Thanks Sandeep Bhai
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