प्रेम,दया, त्याग,भाईचारा का बुतों से संस्कार ही ले लें
बुत-परस्ती की जबरदस्ती नहीं,मत मानिये ईश्वर इन्हें
संकल्प अमूर्त होते हैं मन में,साकार होने पर मूर्त होते
सच्चाई को दूर न करें अपने से,आँख के पास ही रहने दें.
बुत-परस्ती की जबरदस्ती नहीं,मत मानिये ईश्वर इन्हें
संकल्प अमूर्त होते हैं मन में,साकार होने पर मूर्त होते
सच्चाई को दूर न करें अपने से,आँख के पास ही रहने दें.
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