आड़े-तिरछे रेखाओं को
क्रम से सजाया होगा
भाव-भंगिमाओं को डाल
रेखाचित्र बनाया होगा
बना-ठना कल्पनाओं से
सुन्दर मुझे बनाया होगा
शब्द-शब्द, बिखरे-बिखरे
चिंतन कर-कर जोड़ा होगा
अलंकारों से करा श्रृंगार
सुगढ़-छंद बनाया होगा
रसमयी भावों से भरकर
सुन्दर मुझे बनाया होगा
सरगम के सप्तक से चुनकर
स्वरों को तुमने ढूढा होगा
आरोह-अवरोह भरकर
'श्रुतियों' से सजाया होगा
'राग-भैरवी' में गाकर
सुन्दर मुझे बनाया होगा
फूल प्यार के चुनकर
सूत में एक सजाया होगा
धागे में विस्वास पिरोकर
गजरा एक बनाया होगा
मेरे बालों में गुथकर
सुन्दर मुझे बनाया होगा
धन्यवाद सक्सेनाजी !आभारी हूँ आपके प्रोत्साहन के लिए .
जवाब देंहटाएं