YATRA
My Composition Of Hindi Gazals And Poems.
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बुधवार, 1 अगस्त 2012
हम भी खाते हैं,तुम भी खाओ
इस महाभोज में भूखे क्यों हो
तुम भी कमाओ,हम भी कमायें
मुनाफे की बात बस आम न हो
जाल बिछाओ,मछली फसाओ
जाल में पहले दाना लगाओ
तुम खुश रहो, हम खुश रहें
हंसी-खुशी से व्यवसाय करो
हमें खाते,वो भूखा देख रहा है
जाओ घर के परदे गिराओ
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